हो जाऊ "तुमसे" दूर
फिर "Dosti" किससे करुं
तुम हो जाओ नाराज"
फिर "शिकायत" किससे करूं
इस "दिल" में कुछ भी नहीं
तूम्हारी "चाहतों" के सिवा
अगर तुम्हें ही भूला "दूं तो फिर
प्यार " किसे करु...
एक बात बताऊं..
जब भी किसी कि तरफ देखता हूं आप ही याद आ जाते हो..
अब आप ही बताओ आपको ना चाहूं तो किसको चाहूं..
इसलिए आज से अभी से फिर से चाहेंगे आपको हर साल की तरह...
ताकि आप एक दिन हो सके हमारे...
कोई प्रॉब्लम हो तो बोल देना या तो प्रॉब्लम रहेगी या मैं ठीक है।